मिर्गी ला-इलाज बीमारी नहीं है।

पता है, मिर्गी ला-इलाज बीमारी नहीं है। 

मिर्गी के मरीज को कभी भी कहीं भी दौरा पड़ सकता है। इस बीमारी में मरीज को कभी 8 से 10 मिनट का दौरा पड़ता है तो कभी दौरे की वजह से कुछ घंटो तक होश भी नहीं आता है। मिर्गी के मरीज को हमेशा सतर्क रहना चाहिए क्योंकि उसे इस बात का खुद पता नहीं रहता है की उसे कब और कहाँ मिर्गी का दौरा पड़ सकता है। यह बिमारी बहुतों को बचपन से ही होती है पर किसी किसी को बाद में भी हो जाती है और इलाज़ लम्बे समय तक चलता रहता है। कभी कभी तो इलाज़ के दौरान मरीज़ बिलकुल ठीक हो जाता है इसलिए जिस किसी को भी मिर्गी की बीमारी हो निराश होने के बजाय इलाज़ की ओर ध्यान दे।

मिर्गी का दौरा पड़ने के कई कारण हो सकते हैं ! 

काई बार वंशानुगत (hereditary) के कारण भी मिर्गी का दौरा पड़ सकता है!
अगर  जन्म  लेते  समय  कोई  चोटों हुई हो  या  (vascular डिजीज) हो, तो भी मिर्गी  होने  का कारण हो  सकता है !
चलिए जान लेते  हैं  और  कौन कौन  से कारण हैं मिर्गी के ?

  1. अगर किसी को Brain tumor है तो उसे मिर्गी लगने की chance रहता है ।
  2.  शराब (Alcohol) drugs अधिक लेने से मिर्गी की बीमारी हो सकती है ।
  3. तेज ज्वर(fever) जब बढ़ कर दिमाग तक पहुँच जाती है तो इंसान को मिर्गी लग सकती है।
  4. अचानक मिर्गी रोगी द्वारा दावा लेना बंद कर देना |
  5. नशीली या गलत दवाओं का सेवन |

मिर्गी के लक्षण ! 

मिर्गी  अटैक  के  लक्षण  को  पकड़ना  आसान  है. अगर  किसी  मरीज़  को  मिर्गी  का  दौर  पड़ा  हो  तो : 
  1. मिर्गी लगने पर मरीज फर्श पर गिर कर छटपटाने लगता है ।
  2. दांत पर दांत बैठ जाता है ।
  3. मरीज का पूरा शरीर यहाँ तक की आँख व हाँथ-पैर के नाख़ून भी पीले पर जाते है ।
  4. मिर्गी के मरीज को दौरा पड़ने पर मुंह से झाग (Foaming) निकलने लगता है ।
  5. पूरा शरीर एंठने लगता है ।

मिर्गी का इलाज !


अगर मरीज़ को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं तो कुछ घेरुलू नुस्खे से इसका इलाज़ हो सकता है अगर फिर भी परेशानी कम न हो तो निराश न हो डॉक्टर से मिलकर दवा का कोर्स पूरा कीजिये अवश्य ही लाभ होगा !
    

धन्यवाद! आपके कीमती समय के लिए




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